Tanhai Shayari in Hindi
तन्हाईयाँ कुछ इस तरह से डसने लगी मुझे !!
मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया !!
एक तेरे ना होने से बदल जाता है सब कुछ !!
कल धूप भी दीवार पे पूरी नहीं उतरी !!
हर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद ना कर दे !!
तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर !!
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी !!
हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है !!
मुझे तन्हाई की आदत है !!
मेरी बात छोडो तुम बताओ कैसी हो !!
मैंने तन्हाई में हमेशा तुम्हे पुकारा है !!
सुन लो गौर से ऐ सनम तेरे बिना !!
ज़िंदगी अधूरी सी लगती है !!
मैं तन्हाई को तन्हाई में तनहा कैसे !!
छोड़ दूँ इस तन्हाई ने तन्हाई में !!
तनहा मेरा साथ दिए है !!
तेरा पहलू तेरे दिल की तरह आबाद रहे !!
तुझपे गुजरे न क़यामत शब-ए-तन्हाई की !!
इस तन्हाई का हम पे बड़ा एहसान है !!
साहब न देती ये साथ अपना तो जाने !!
हम किधर जाते !!
कहीं पर शाम ढलती है कहीं पर रात होती है !!
अकेले गुमसुम रहते हैं न किसी से बात होती है !!
तुमसे मिलने की आरज़ू दिल बहलने नहीं देती !!
तन्हाई में आँखों से रुक-रुक के बरसात होती है !!
शायद इसी को कहते हैं मजबूरी-ए-हयात !!
रुक सी गयी है उम्र-ए-गुरेजां तेरे बगैर !!
सहारा लेना ही पड़ता है मुझको दरिया का !!
मैं एक कतरा हूँ तनहा तो बह नहीं सकता !!
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